Friday, February 8, 2008

केशकाल चुनाव - विश्लेषण अपने अपने

कल केशकाल विधान सभा उपचुनाव के मतो की गिनती हुई,एक और चुनाव मे कांग्रेस की हार। उक्त सीट भाजपा के महेश बघेल के असामयिक देहांत की वजह से रिक्त हुई। विद्वान पत्रकारों सहित विभिन्न नामी गिरामी नेताओ ने अपनी अपनी तरह से हार जीत का विषलेश्ण किया, सबके अपने अपने तर्क है, किसी ने ३ रु चावल को, किसी ने कांग्रेस की गुटबाजी को तो किसी ने कुशल प्रबंधन को हार जीत का कारण बताया। यधपि शहर कांग्रेस कमेटी का एक दल अध्यक्ष इंदरचंद धाडीवाल के साथ अंतिम दिनो मे पहुंचा चुंकि मुझे रायपुर मे ही रुकना था अत: मै ना जा सका। लेकिन जो हुआ उसे हम अप्रत्यासित नही कह सकते, अपनी पार्टी की हार के लिये मै पुराने घिसे पीटे कारणो को गिना कर अंधों के बाजार मे चश्मे बेचने का काम नही कर सकता क्योंकि मेरे व्यक्तिगत विचार मे यही हमारे हार और घटती लोकप्रियता का कारण है, सिर्फ यही एक कारण नही है और भी है जिनके विषय मे पदाधिकारी होने के कारण सार्वजनिक रुप से कहना उचित नही होगा फिर भी आप से कहुं और जैसे कि मैने अपने पुर्व के चिठठे मे शायद कही उल्लेख किया था कि कांग्रेस को अपनी जडों की ओर लौटना होगा जडो से मेरा तात्पर्य अपने बुथ मे बैठने वालों को, पर्ची वितरण करने वाले कार्यकर्ताओं को मान सम्मान देना होगा, उनके सुख दुख मे साथ देना होगा, जनता के घरों मे पहुंचना होगा। मेरा तो यहा तक मानना है कि वर्तमान मे बदली परिस्थितयों मे कांग्रेस को चुनाव लडना फिर से सीखना होगा । मै स्वंयं दो दफे पार्षद का चुनाव लड चुका हुं, रायपुर के महापौर सुनील सोनी, सभापति रतन डागा दोनो से ही बहुत ही कम अंन्तर से मेरी हार हुई पर वास्तव मे मेरी हार का कारण भाजपा के दोनो प्रत्याशीयों का फर्जी वोटिंग मे हासिल महारत है, और भी बहुत से कारण है, परन्तु मै ईश्वर पर विश्वास करने वाला व्यक्ति हुं और मुझे मालूम है कि ऊपर वाले की जब लाठी चलती है तो उसमे आवाज नही होती । मुझे तो ईश्वरी शक्ति पर पुरा विश्वास है बस इंतजार है तो समय का, माफ किजीयेगा मै अपने विषय से जरा भटक गया, हार के लिये गिनाने के वास्ते कारणो की कमी नही पर जो कारण गिनाये जा रहे है वो मन को सात्वांना देने के लिये तो ठीक हो सकते है पर आगमी विधान सभा चुनावो मे जीत दर्ज करने के लिये जरुरत है तो जडो की ओर लौटने की, रणनीति बदलने की, सिर्फ विरोध करने के लिये विरोध करना है वाली मानसिकता को बदलने की और उन लोगो को समने लाने की जो वर्षो से कांग्रेस के साथ है, ना कि उन्हे जो कभी ना कभी, कहि ना कहि , गांव गांव मे गली गली मे कांग्रेस और अप्रत्यक्ष रुप से ही सही हमारी अध्यक्षा श्रीमती सोनिया जी के निर्णय की खिलाफत करते है।

2 comments:

Sanjeet Tripathi said...

भाई साहब ईश्वर पर विश्वास है अच्छी बात पर ईश्वर वोटिंग करने नही आ सकते न ;)

इसलिए बेहतर होगा कि जमीनी कार्यकर्ताओं पर ज्यादा विश्वास करे कांग्रेस और गुटबाज़ी को समाप्त करने की कोशिश करे।
बचपन में अपने स्वतंत्रता सेनानी पिता के साथ कांग्रेस भवन जाया करता था तब से देख रहा हूं कांग्रेस और कांग्रेसियों को, जबकि भाजपा को बहुत बाद में जाना मैने।

और ये जो आप कह रहे है न कि कांग्रेस को जड़ों की ओर लौटना होगा ये करना होगा वो करना होगा इसे मान देना होगा तो भाई मेरे ऐसा कहने वाले आप पहले नही हैं सभी बड़े नेता यही कहते फिरते है लेकिन अमल में कौन लाता है इस बात को, यह बात तो सिर्फ़ कहने की है न शायद………

Unknown said...

i am in total agreement with this blogger's views. i congratulate him on taking a stand, and wish him all the best for the future.

Amit Jogi